आपका दौर है, हमारा जमाना आएगा !

आज इतिहास उस महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा करता है, जहां सदियों से चली आ रही कुरीतियों और जड़वादी परंपराओं का समापन शुरू हो चुका है। उन लोगों को आज भले ही यह भ्रम हो कि उनके पाखंडी साम्राज्य के सामने हम बौने हैं, लेकिन वे भूल रहे हैं कि समाज ने करवट ले ली है। यह वही समाज है, जिसने शोषण और अन्याय के अंधकार में अनगिनत पीढ़ियों तक घुटन सही, लेकिन अब वह जाग चुका है। अब यह समाज उन पुरानी, भेदभावपूर्ण परंपराओं को ठोकर मारता हुआ आगे बढ़ रहा है। हमारे पुरखों ने जिस संघर्ष की नींव रखी थी, आज हम उसी संघर्ष की मशाल लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यह संघर्ष किसी व्यक्ति, वर्ग या समूह के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन विचारधाराओं के खिलाफ है, जो मानवता को बाँटने, नीचा दिखाने और अज्ञानता को बढ़ावा देने का कार्य करती हैं। हम प्रगतिशील हैं, वैज्ञानिक सोच में विश्वास रखते हैं, और प्रकृति की वास्तविकता को समझते हुए अपने समाज का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। सदियों से जिस व्यवस्था ने हमें गुलामी और दमन की जंजीरों में बांधने की कोशिश की, उसे हम आज तोड़ने के लिए तैयार हैं। वह व्यवस्था, जो कुछ लोगों की सत्ता बनाए रखने के लिए झूठ, पाखंड और अंधविश्वास का सहारा लेती है, अब ढहने के कगार पर है। उनका साम्राज्य इस भ्रम में है कि यह स्थाई है, लेकिन वे यह नहीं देख पा रहे हैं कि इसका आधार खोखला हो चुका है। समाज अब जागरूक हो चुका है, और जागरूकता से बड़ी कोई ताकत नहीं होती। हमारी ताकत हमारी एकता में है, हमारी सोच में है, और हमारे उस संकल्प में है, जो इंसानियत की सच्ची प्रगति की ओर अग्रसर है। आने वाला भविष्य उन लोगों का है, जो विज्ञान, तर्क और मानवता की आवाज़ को पहचानते हैं। जो लोग अंधविश्वास, भेदभाव और असमानता के नाम पर समाज को पीछे धकेलना चाहते हैं, उनका समय अब समाप्त हो चुका है। भविष्य का साम्राज्य हमारा है, उन लोगों का, जो समतामूलक, न्यायसंगत और मानवीयता पर आधारित समाज की स्थापना का स्वप्न देखते हैं। हम अपने संघर्ष को और तेज़ करेंगे, अपने कार्यकर्ताओं को संगठित करेंगे और इस क्रांति की लहर को हर घर तक पहुंचाएंगे। याद रखिए, यह क्रांति कोई अस्थायी हलचल नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी ज्वाला है जो तब तक जलती रहेगी, जब तक यह समाज पूरी तरह से स्वतंत्र, प्रगतिशील और समानता आधारित न हो जाए।

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